चंदौली के चंद्रप्रभा बांध के क्षतिग्रस्त गेटों की होगी मरम्मत:शासन ने अवमुक्त की 12.06 करोड़ की धनराशि, गेट की मरम्मत होने से सात हजार हेक्टेयर भूमि होगी सिंचित चंदौली जिले के किसानों की लाइफलाइन कहे जाने वाले चंद्रप्रभा बांध के क्षतिग्रस्त गेट की मरम्मत के लिए शासन ने 12.06 करोड़ रूपये अवमुक्त किया है खबरी पोस्ट ने 2 फरवरी को ही अपने पोस्ट में जिसका शिर्षक था शासन से मिली स्वीकृति-12 करोड़ की धनराशि से चंद्रप्रभा बांध का होगा पुनरोद्धार से खबर प्रकाशित कर दी थी। जिसमें बीते 20 जनवरी को भी शिष्टाचार मुलाकात के दौरान लखनऊ में विधायक कैलाश आचार्य ने मुख्यमंत्री और सिंचाई मंत्री स्वतंत्र देव सिंह को ज्ञापन दिया था। मामले को संज्ञान में लेकर शासन ने चंद्रप्रभा बांध के पुनरोद्धार के लिए अपनी मुहर लगाते हुए 12 करोड़ 6 लाख 58 हजार रुपए की धनराशि स्वीकृत कर दी है।
चंद्रप्रभा बांध के क्षतिग्रस्त गेट की मरम्मत कराने में जुटे अधिकारी
खबरी पोस्ट नेशनल न्यूज नेटवर्क
चकिया‚चंदौली। जिले के किसानों की लाइफलाइन कहे जाने वाले चंद्रप्रभा बांध के क्षतिग्रस्त गेट की मरम्मत के लिए शासन ने 12.06 करोड़ रूपये अवमुक्त किये जाने के बाद सिंचाई विभाग के अफसर बांध के क्षतिग्रस्त गेट की मरम्मत कराने में जुट गए हैं। इसके लिए टेंडर जारी कर दिया गया है। उम्मीद जताई जा रही है कि इस साल खरीफ के सीजन में बांध से किसानों को फसल की सिंचाई के लिए भरपूर पानी मिल जाएगा।
आपको बता दें कि जंगल के बीचों बीच स्थित चंद्रप्रभा बांध का निर्माण 1960 में पूर्ण किया गया था। बांध के मुख्य गेट के छलके की मरम्मत करीब 12 वर्ष पूर्व कराई गई थी। इसके बाद काफी समय तक बांध का मरम्मत कार्य नहीं कराए जाने से इसके गेटों में बड़े-बड़े छेद हो गए थे।
गेट की मरम्मत होने से सात हजार हेक्टेयर भूमि होगी सिंचित
,चकिया के विधायक कैलाश आचार्य खरवार ने सीएम योगी आदित्यनाथ और जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह को ज्ञापन सौंप कर बांध के मरम्मत की मांग की थी। शासन ने बांध के गेट की मरम्मत के लिए 12.06 करोड़ की धनराशि स्वीकृत कर दी है। अफसरों का दावा है कि एक सप्ताह में टेंडर की प्रक्रिया पूरी कर गेटों के साथ अन्य मरम्मत कार्य आरंभ करा दिए जाएंगे।
बांध के पानी से आवाद होता है सात हजार हेक्टेयर भूमि
आपको बता दें कि चंद्रप्रभा बांध से बबुरी सहित लगभग सात हजार हेक्टेयर खेतों की सिंचाई होती है। बांध से संबद्ध मुजफ्फरपुर बीयर के अलावा निकोईया नहर, पथरहवा लेफ्ट व राइट माइनर, पसही रेग्यूलेटर, बबुरी माइनर सहित बैरा पश्चिमी , उत्तरी पंप कैनाल, भूसिया पंप कैनाल संचालित है।
बांध की हालत जर्जर होने से किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच गई थी। एक सप्ताह में टेंडर की प्रक्रिया पूरी कर कार्य आरंभ करा दिया जाएगा। इससे सिंचाई की समस्या दूर हो जाएगी।