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  • 20 लाख लोगों को खिलाई जाएगी फाइलेरिया से बचाव की दवा
  • आठ ब्लॉक में आज से शुरू होगा फाइलेरिया उन्मूलन अभियान

खबरी पोस्ट नेशनल न्यूज नेटवर्क

चंदौली। जिले में बृहस्पतिवार (10 अगस्त) से फाइलेरिया उन्मूलन (आईडीए)और कृमि मुक्ति अभियान शुरू हो रहा है। ब्लाक चंदौली सदर,चहानियाँ,चकिया,धानापुर,नियंताबाद,नौगढ़, शहाबगंज, सकलडीहाँ,डीडीयू नगर में फाइलेरिया उन्मूलन (आईडीए) अभियान चलेगा, जबकि बरहनी ब्लॉक में कृमि मुक्ति दिवस के तहत एक से 19 साल तक के 35 हजार बच्चों- किशोरों को पेट के कीड़े निकालने की दवा खिलाई जाएगी। यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ वाई के राय ने दी।

बरहनी ब्लाक ट्रांसमिशन असेसमेंट सर्वे ( टास) में फाइलेरिया मुक्त घोषित

सीएमओ ने बताया कि जनपद के ब्लाक चंदौली सदर,चहानियाँ, चकिया,धानापुर,नियंताबाद, नौगढ़, शहाबगंज,सकलडीहाँ, डीडीयू नगर में आईडीए अभियान चलेगा, जिसमें सभी को फाइलेरिया से बचाव की दवा खिलाई जाएगी|इसके अलावा बरहनी ब्लॉक में कृमि मुक्ति दिवस के तहत (10 अगस्त को) एक से 19 साल तक के बच्चों को पेट के कीड़े निकालने की दवा खिलाई जाएगी| यह ब्लाक (बरहनी) ट्रांसमिशन असेसमेंट सर्वे ( टास) में फाइलेरिया मुक्त घोषित हो चुका है, इसलिए यहाँ एमडीए अभियान नहीं चलेगा|

1-19 वर्ष के बच्चों को खिलाई जायेगी एल्बेंडाजोल‚28 तक सभी को खिलाई जायेगी फाइलेरिया से बचाव की दवा

यहां एक से 19 साल के बच्चों और किशोरों को सिर्फ पेट के कीड़े निकालने की दवा (एल्बेंडाजोल) खिलाई जाएगी। जो बच्चे बृहस्पतिवार को दवा खाने से छूट जायेंगे,उन्हें 17 अगस्त को मॉपअप राउंड में दवा खिलाई जाएगी| चंदौली सदर,चहानियाँ, चकिया,धानापुर,नियंताबाद,नौगढ़, शहाबगंज,सकलडीहाँ और डीडीयू में 28 अगस्त तक सभी लोगों को फाइलेरिया से बचाव की दवा खिलाई जाएगी।

20 लाख लोगों को दवा खिलाने का लक्ष्य

फाइलेरिया उन्मूलन अभियान के तहत करीब 20 लाख लोगों को दवा खिलाने का लक्ष्य है।अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी/कार्यक्रम के नोडल डॉ अनूप कुमार ने बताया कि बरहनी में करीब 35 हजार बच्चों एवं किशोरों को कृमि मुक्ति दवा एल्बेंडाजोल का सेवन कराया जाएगा|इसके लिए शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है| प्रशिक्षण में स्वास्थ्य विभाग की ओर से शिक्षकों को बताया गया कि बच्चों को किस प्रकार दवा की खुराक दी जाएगी| उन्हें कृमि फैलने के कारणों और दवा खिलाने के बाद सावधानियों के बारे में भी विस्तार से बताया गया है| डॉ अनूप ने बताया कि पेट में कृमि होने के कारण पोषक तत्वों का लाभ बच्चों को नहीं मिल पाता है और परजीवियों के कारण वह एनीमिया और कुपोषण के शिकार हो जाते हैं।

एल्बेंडाजोल खाने का लाभ

डॉ अनूप ने बताया कि एल्बेंडाजोल के सेवन से कीड़े पेट से बाहर हो जाते हैं| पेट में मौजूद कीड़े बच्चे के आहार का पूरा पोषण हजम कर जाते हैं| इससे बच्चा शारीरिक व मानसिक रूप से कमजोर होने लगता है|बच्चा धीरे-धीरे खून की कमी (एनीमिया) समेत अनेक बीमारियों से ग्रसित हो जाता है|कृमि से होने वाली बीमारियों से बचाव के लिए यह दवा एक बेहतर उपाय है| उन्होंने बताया कि जिन बच्चों के पेट में पहले से कृमि होते हैं,उन्हें कई बार दवा खाने से कुछ हल्के प्रतिकूल प्रभाव हो सकते हैं-जैसे चक्कर,घबराहट,सिर दर्द,दस्त,पेट में दर्द,कमजोरी, मितली,उल्टी या भूख लगना आदि|इससे घबराना नहीं चाहिए|दो से चार घंटे में यह परेशानी स्वतः ही समाप्त हो जाती है|आवश्यकता पड़ने पर आशा या आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की मदद से चिकित्सक से संपर्क किया जा सकता है|उन्होंने बताया कि कृमि मुक्ति दवा बच्चे को कुपोषण,खून की कमी समेत कई प्रकार की दिक्कतों से बचाती है|

जान ले किसे कितनी मात्रा में खिलानी है दवा

उन्होंने बताया कि स्कूल में नामांकित सभी छात्र-छात्राओं एवं बच्चों को उम्र के हिसाब से एल्बेंडाजोल खिलाई जाएगी|एक से दो वर्ष के बच्चे को आधी गोली को पीसकर स्वच्छ पानी में मिलकर चम्मच से पिलानी है|दो से तीन वर्ष तक के बच्चे को एक पूरी गोली पीसकर पानी के साथ देनी है|वहीं तीन से 19 वर्ष तक के बच्चे और किशोरों को पूरी एक गोली चबाकर खानी है|इसके बाद ही उन्हें पानी का सेवन करना है|

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