- सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में नियुक्त 01 दर्जन से अधिक चिकित्सकों मे मात्र 07 चिकित्सकों की लगाई जाती है दिनवार ड्यूटी ।
- प्रतिदिवस एक ही चिकित्सक ओ पी डी के बाद करते हैं इमरजेंसी ड्यूटी भी ।
- नियुक्त महिला चिकित्सक को अस्पताल में मौजूद रहने की नहीं है कोई समय या दिन का निर्धारण।
- चिकित्सा अधीक्षक का अस्पताल परिसर में बने आवास में कभी भी नहीं होता है रात्रि प्रवास।
- एक महीने से सोलर सिस्टम खराब।रात्रि मे बिजली कटने पर अस्पताल में छा जाता है अंधेरा।
- सामान्य मरीजों को भी कर दिया जाता है अन्यत्र के लिए रेफर।
प्रसव पीड़ा से पीड़ित महिला विद्मा देबी को गुरुवार को दोपहर में अस्पताल में भर्ती कराया गया था।जिसे तीब्र पीड़ा होना देख महिला चिकित्सक डा.रश्मि सिंह को मौजूद नहीं रहने से तत्काल अन्यत्र के लिए रेफर कर दिया गया।
खबरी पोस्ट नेशनल न्यूज नेटवर्क
नौगढ‚चंदौली। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सा अधीक्षक डा.अवधेश कुमार सिंह पटेल की ब्याप्त मनमानी से मरीजों को ईलाज का समुचित लाभ नहीं मिल पा रहा है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नौगढ मे 01 दर्जन से अधिक चिकित्सकों की नियुक्ति
जिससे मरीजों को प्राइवेट झोलाछाप डाक्टरों से ईलाज कराने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नौगढ मे 01 दर्जन से अधिक चिकित्सकों की नियुक्ति है।
जिनमें मात्र 07 चिकित्सकों की ड्यूटी सैद्धांतिक सहमति से दिनवार निर्धारित की गई है।
प्रतिदिन एक ही चिकित्सक को ओ पी डी करने के बाद इमरजेंसी ड्यूटी भी करना पड़ता है।कभी कभी तो लगातार 48 घंटे की ड्यूटी करनी पड.जाती है।
बिना पंजीकरण के अनेकों चिकित्सालय पैथोलॉजी अल्ट्रासाउंड सेंटर नर्सिंग होमों की भरमार
क्षेत्र के गांव व बाजारों में बिना पंजीकरण के अनेकों चिकित्सालय पैथोलॉजी अल्ट्रासाउंड सेंटर नर्सिंग होम ईत्यादि संचालित हो रहे हैं।जिसकी जांच पड़ताल में कोरमपूर्ति की जाती है।
महिला चिकित्सक डा.रश्मि सिंह का अस्पताल में मौजूद रहने का कोई समय व दिवस निर्धारित ही नहीं
अस्पताल में नियुक्त महिला चिकित्सक डा.रश्मि सिंह का अस्पताल में मौजूद रहने का कोई समय व दिवस निर्धारित ही नहीं है।
जिससे महिलाओं का ईलाज कराने के लिए रावर्टसगंज सोनभद्र चकिया चन्दौली व वाराणसी के अस्पतालों में जाना पड़ता है।
स्टाफ नर्स व एनम के सहारे अस्पताल में महिलाओं का प्रसव कराया जाता है।
महिला चिकित्सक की अनुपस्थिति के कारण प्रसव के मरीजों को किया जाता है रेफर
महिला चिकित्सक की गैरमौजूदगी होने से प्रसव के दौरान पीड़ा अधिक होने पर तत्काल अन्यत्र के लिए रेफर कर दिया जाता है।
प्रकाश की अनवरत सुविधा कायम रखने के लिए अस्पताल में बिजली के साथ ही जनरेटर व सोलर पैनल की भी सुविधा है।
जिसमें बिजली कटने पर भी जनरेटर को नहीं चलाया जाता है।
सोलर सिस्टम एक महीने से खराब‚एक्सरे मशीन भी खराब
रात्रि में बिजली कटने पर अस्पताल में अंधेरा छा जाने से भर्ती मरीजों व परिजनों को अंधेरे में रहना पड़ता है।
एक्स रे मशीन में भी महीनों से तकनीकी खराबी है।जिसे बनवाए जाने की कोई पहल नहीं की जा रही है।
अस्पताल परिसर में बने सरकारी आवास में चिकित्सा अधीक्षक का कभी भी रात्रि प्रवास नहीं होता है।
भाजपा मण्डल महामंत्री के पी जायसवाल ने बताया कि अस्पताल में ब्याप्त अनियमितता की शिकायत मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल व उच्चाधिकारियों से किया जाएगा।
जिससे कायम मनमानीपन पर अंकुश लगकर शासन की मंशा के अनुरूप मरीजों को दवा उपचार का लाभ मिल सके।
उपजिलाधिकारी आलोक कुमार-अस्पताल में महिला चिकित्सक डा.रश्मि सिंह की मौजूदगी नहीं रहने से प्रसव पीड़ा से पीड़ित महिला का सीजर नहीं होने व अस्पताल मे ब्याप्त अनिमयितता की जांच पड़ताल करके चिकित्सा अधीक्षक से स्पष्टीकरण मांगा जाएगा।